छत्तीसगढ़ की प्रतिनिधि लोककथाएं व कहानियों का संकलन

लेखकीय...

मोर लेखन के सुरूवात छत्तीसगढ़ राज बने के बाद होइस। वइसे आगू घलो मैं स्कूल म पढ़त रेहेवं तब कार्यक्रम म भाग ले खातिर कविता, भासन, निबंध लिखवं अउ ओला बोलवं। फेर ये लिखई ल मैं अपन लेखन के सुरवात नइ मानवं, ह बीज जरुर रोपित होगे रिहिसे। राज बने के बाद चारों मुड़ा छत्तीसगढ़ी के सोर बगरत देखके मोरो भीतर के लेखक ह उमियागे। अपन कलम ल कोनो खास विधा म नइ बांधे हवं जेन डहर के विचार उमड़थे उहे मोर लेखनी रेंग देथे। कहिनी, कविता, बियंग, नाटक, गीत, लेख, खबर, शोध अब आगू अऊ का-का सिरजन होही बेरा बताही।
2000-01 म मैं रंगमंच ले जुड़ेवं अउ संग म कुछू कहीं लेखन घलो करत रेहेवं। इही दरी मे आकाशवाणी रायपुर के डेहरी खुंदेवं युववाणी म 'आज मोर पारी हे' कार्यक्रम दे खतिर। मन म विश्वास जागिस ताहन रम गेवं इही रद्दा म। आज आकाशवाणी म वार्ता, कहिनी, कविता के दौर चलते हे संग म 2008 ले सरलग रायपुर दूरदर्शन के भुंइया के गोठ कार्यक्रम के संचालन करत हवं।
अब प्रकाशन के बात करवं तव दैनिक अखबार हरिभूमि के चौपाल म मोर पहिली कविता 'दिन देवारी हे' छपिस। ओकर बाद बरछाबारी, देशबंधु, अमृत संदेश, प्रखर समाचार, इतवारी, छत्तीसगढ़, किसान वीर, पत्रिका सहित अऊ गजब अकन पत्र-पत्रिका म सरलग लेखन अउ प्रकाशन चलते हे संग म आकशवाणी, दूरदर्शन अउ रंगमंच कोती घलो रमे हाबवं।
माता-पिता अउ परिवार के साहमत ले आज अपन नानकुन साहित्यिक जीवन के कुछ रंग ल कहिनी के रुप म उतार पाय हवं। जेमा के तेरह ठन कहिनी ल 'परसार के गउंदन' किताब म समोखे हवं। आसा हे पढ़ईया मन के मन आही। साहित्य के रद्दा धरइया चंद्रशेखर चकोर, लोक कला के रंग म रंगइया राकेश तिवारी, अऊ ये रद्दा म डटे रेहे के बल देवइया सबो सुजानी सियान मन के पॉलगी करत ये कहिनी सिलोह परोसत हवं। बने लागही त अऊ बने-बने लिखे के मोला आसिस दिहव।

 - जयंत साहू
युवा साहित्यकार / पत्रकार
स्थायी पता—
 ग्राम- डूण्डा वार्ड-52, पोस्ट सेजबहार;
 ​जिला रायपुर छत्तीसगढ़
फोन-9826753304
jayantsahu9@gmail.com


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